भारत में, अगर कोई व्यक्ति 12 साल तक लगातार किसी निजी संपत्ति पर खुलेआम और बिना किसी रुकावट के कब्जा करता है, तो वह उस संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है, जिसे “प्रतिकूल कब्जा” (Adverse Possession) कहते हैं.
यहाँ 12 साल के भूमि नियम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं:
प्रतिकूल कब्जा (Adverse Possession):
यह एक कानूनी सिद्धांत है जिसके तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी संपत्ति पर 12 साल तक लगातार, खुलेआम और बिना किसी रुकावट के कब्जा करता है, तो वह उस संपत्ति का मालिक बन सकता है, भले ही वह संपत्ति किसी और की हो.
12 साल की अवधि:
यह नियम केवल निजी संपत्ति पर लागू होता है, सरकारी संपत्ति पर नहीं.
कानूनी अधिकार:
अगर कोई व्यक्ति 12 साल तक किसी संपत्ति पर प्रतिकूल कब्जा करता है, तो वह उस संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है और कानूनी रूप से उस संपत्ति का मालिक बन सकता है.
मकान मालिक की जिम्मेदारी:
अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति पर प्रतिकूल कब्जे से बचना चाहता है, तो उसे 12 साल की अवधि के भीतर उस पर अपना अधिकार कायम रखना चाहिए.
सरकारी जमीन:
सरकारी जमीन के मामले में, यह अवधि 30 साल तक बढ़ जाती है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संपत्ति के असली मालिक को 12 वर्षों के भीतर अपनी संपत्ति पर दावा करना होगा, अन्यथा वह अपनी कानूनी अधिकारिता खो सकता है.
कानूनी सलाह:
अगर आपको लगता है कि आपकी संपत्ति पर कोई प्रतिकूल कब्जा कर रहा है, तो आपको तुरंत किसी वकील से सलाह लेनी चाहिए

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